पवन सेहरावत ने गुजरात फार्च्यूनजायंट्स और कप्तान सुनील कुमार की योजना को कुचल दिया और पांच ड्राई सीजन होने के बाद बुल्स को एक चैंपियनशिप दिलाई।
दूसरी तरफ मनप्रीत सिंह एक रूकोई कोच था जिसने सचिन तंवर, सुनील कुमार और परवेश भैंसवाल जैसे युवाओं के नए समूह को 2 सीधे फाइनल में ले लिया क्योंकि वे दोनों बार हार गए थे।
क्या फार्च्यूनजायंट्स बैलेंस पर अपना बदला लेगा
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